राशिद खान : गुगली का बादशाह
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने उस ट्वीट के जवाब में कहा, ‘‘अफगानिस्तान को अपने हीरो राशिद खान पर गर्व है. मैं अपने भारतीय दोस्तों का शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने हमारे खिलाडि़यों को अपना हुनर दिखाने का मौका दिया.
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नई दिल्ली: टी20 मैच में वह सिर्फ 24 गेंद फेंकता है, उसके सामने न विराट का बल्ला चलता है और न ही धोनी की चालें, सिर्फ दस गेंद में 34 रन बनाकर वह मैच का रूख पलट देता है और जब विकेट लेता है तो चेहरे पर बच्चों सी मासूमियत लिए दोनो बांहें फैलाकर कुछ कदम दौड़ता है और चेहरा आसमान की तरफ उठाकर ऊपर वाले का शुक्रिया अदा करता है...यह है क्रिकेट की दुनिया में गुगली का नया बादशाह - राशिद खान.
सचिन तेंदुलकर उसे टी20 क्रिकेट का सर्वश्रेष्ठ स्पिनर करार देते हैं और उसके देश अफगानिस्तान के राष्ट्रपति का वह लाडला हीरो है. 19 बरस का यह खिलाड़ी अपने दम पर अपनी टीम को मैच जिताने का दम रखता है और दुनिया के तमाम बड़े खिलाड़ी उसके फन का लोहा मान रहे हैं. हैदराबाद की टीम भले आईपीएल का खिताब नहीं जीत पाई, लेकिन चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ फाइनल में पहुंचने के लिए कोलकाता नाइट राइडर्स पर हैदराबाद की 14 रन की जीत का सेहरा राशिद के सिर बंधा.
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने किया था ट्वीट
लोकप्रियता का आलम ये कि देश के क्रिकेट प्रेमी उसे भारत की नागरिकता देने की इस कदर हिमायत करने लगे कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को ट्वीट करना पड़ा कि नागरिकता का मामला देश का गृह मंत्रालय देखता है, हालांकि इस ट्वीट को बाद में उनके ट्विटर हैंडल से हटा लिया गया, लेकिन तब तक बात दूर तक पहुंच चुकी थी. अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने उस ट्वीट के जवाब में कहा, ‘‘अफगानिस्तान को अपने हीरो राशिद खान पर गर्व है. मैं अपने भारतीय दोस्तों का शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने हमारे खिलाडि़यों को अपना हुनर दिखाने का मौका दिया.
गनी ने लिखा, ‘‘राशिद हमें अफगानिस्तान की नेमतों की याद दिलाता है. वह क्रिकेट की दुनिया की पूंजी है और हम उसे किसी को देने वाले नहीं हैं. वह हमारा हीरो है और हमारे पास ही रहेगा.’’
बचपन से था क्रिकेट का शौक
20 सितंबर 1988 को अफगानिस्तान के नांगरहार प्रांत के जलालाबाद में जन्मे राशिद खान अरमान को बचपन से ही क्रिकेट का शौक रहा और वह पाकिस्तान के धाकड़ खिलाड़ी शाहिद अफरीदी को अपना आदर्श मानते हैं. राशिद पर अफरीदी का असर इतना ज्यादा है कि उनके गेंद फेंकने के अंदाज में भी अफरीदी की झलक मिलती है. फर्क सिर्फ इतना है कि दाएं हाथ से गेंदबाजी करने वाले दुनिया में टी20 क्रिकेट के नंबर वन गेंदबाज शाहिद लेग स्पिन गेंद डालते समय थोड़ी तेज गेंद फेंकते हैं और लेग ब्रेक के हथियार को गुगली से ऐसी धार दे देते हैं कि बल्लेबाज को उनकी गेंदों पर कोई आजादी लेने का मौका ही नहीं मिलता.
शाहिद अफरीदी को मानते हैं अपना आदर्श
अफरीदी के ही नक्शे कदम पर चलते हुए राशिद भी स्टंप टू स्टंप गेंद डालते हैं और उनका रन अप भी गेंदबाज को भ्रम में रखता है. उनकी गेंदों की रफ्तार भी सामान्य लेग स्पिन से थोड़ी ज्यादा है, जिससे बल्लेबाज को चूंकि गेंद की पिच तक आने का मौका नहीं मिलता और उसके सामने रक्षात्मक बने रहने या फिर विकेट गंवाने के अलावा और कोई चारा नहीं बचता.
शाहिद बताते हैं कि वह और उनका परिवार भाग्यशाली रहे कि अफगानिस्तान में मची मारकाट की आंच उन तक नहीं पहुंची. हालांकि देश के खराब हालात के चलते उन्हें कुछ साल पाकिस्तान में गुजारने पड़े, लेकिन इस दौरान भी क्रिकेट से उनका मोह छूटा नहीं. वह अपने छह भाइयों के साथ घंटों क्रिकेट खेलते थे और अब यह आलम है कि वह कई कई महीने अपने घर नहीं जा पाते हैं. वह अपने दस भाई बहनों और परिवार के साथ गुजारे समय को खूब याद करते हैं.
राशिद को बचपन में क्रिकेट खेलते देखकर उसके पिता ने उनका हौसला बढ़ाया और क्रिकेट खेलने के लिए प्रेरित किया. शुरू में उन्हें बल्लेबाजी करना ज्यादा पसंद था और वह थोड़ी बहुत गेंदबाजी किया करते थे, लेकिन गेंदबाजी के दौरान जब विकेट मिलने लगे तो उनके क्लब के लोगों ने उन्हें गेंदबाजी पर ध्यान देने को कहा. 2014 के बाद वह गेंदबाजी को गंभीरता से लेने लगे, हालांकि बल्लेबाजी के प्रति उनकी चाहत उस समय और भी अच्छे से उजागर हुई जब उन्होंने आईपीएल के सबसे महत्वपूर्ण मुकाबले में कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ सिर्फ 10 गेंद में 34 रन ठोक डाले.
अफरीदी के उत्साह, कुंबले के धैर्य और शेन वार्न के हुनर के प्रशंसक राशिद की प्रसिद्धि और प्रतिभा का यह आलम है कि कोई हैरत नहीं कि आने वाले समय में राशिद अपने इन तमाम आदर्शों से कहीं आगे निकल जाएंगे और आने वाली पीढ़ियों के खिलाड़ी उन्हें अपना आदर्श बनाएंगे.
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